✍️ दिल की कलम से
Dr Rupali Karwa Choudhary writes✍️ दिल की कलम सेवो बाट जोहती है हर शाम,छोड़ कर सब काम झाम…दिल में फिर आशा की किरण ने किया है मुकाम ✨ कहती है —“मेरा बेटा आएगा 🙂मेरा बेटा ज़रूर आएगा ☺️” अपने हाथों से बनाकर दूंगी उसे गरमा गरम रोटी 🍪जैसे बचपन में खाता था ना…उसी चाव से…
